जीवन

Uma Shankar Joshi उमा शंकर जोशी

मैंने इतनी नाकामयाबियों का सामना किया है इसीलिए जीवन में थोड़ी सफलता प्राप्त कर पाया हूं।

Panchatantra पञ्चतन्त्र

जिसके जीवने से बहुत से लोग जीवित हैं वही इस संसार में जीता हुआ रहता है।

Dnyaneshwar ज्ञानेश्वर

सरिता के सतत गतिशील प्रवाह को नियंत्रित रखने के लिए दो किनारे आवश्यक होते हैं। इसी प्रकार जीवन को नियंत्रित और मर्यादित रखने के लिए व्रतों और नियमों की आवश्यकता होती है।

Kahlil Gibran खलील जिब्रान

मैं ही आग हूं, मैं ही कूड़ा-करकट, मेरी आग मेरे कूड़े को जलाकर भस्म कर दे तो मैं अच्छा जीवन पाऊंगा।